1582 calendar october story in hindi – क्या है अक्टूबर महीने का रहस्य

1582 calendar october story in hindi – यहाँ हम आपको बताएँगे की सन 1582 के अक्टूबर महीने के कैलेंडर मे आखिर कुछ दिन काम क्यों किये गए है. और इसके पीछे क्या रहस्य छिपे हुए है. इस लेख मे आपको इससे जुडी हर जानकरी मिल जाएगी.

1582 calendar october story in hindi - क्या है अक्टूबर महीने का रहस्य
1582 calendar october story in hindi – क्या है अक्टूबर महीने का रहस्य

1582 calendar october story in hindi

आपको मालूम होगा की calendar मे october महीना 31 दिन का होता है. लेकिन क्या कारण था की सन 1582 मे अक्टूबर महीने मे 10 दिन कम किये गए थे. इसलिए उस समय अक्टूबर महीना केवल 21 दिन का था. आखिर उस महीने के 10 दिन कहा गए.

इसका सबसे बड़ा कारण है. जूलियन कैलेंडर जिसे जूलीयस सीजर ने 45 ईसा पूर्व मे शुरू किया था. और उस समय ( 1582 से पहले ) पूरी दुनिया के ज्यादातर हिंसा इसी कैलेंडर का इस्तेमाल करता था. इस जूलीयस कैलेंडर मे एक साल मे 365.25 दिन होते थे. इस वजह से हर चौथे साल मे एक अतिरिक्त दिन होता था. जिसे लिप वर्ष मे जोड़ा जाता था. इस छोटी सी अंतर के कारण हर साल जूलीयस कैलेंडर और वास्तविक वर्ष मे 11 मिनट का छोटा सा अंतर था.

इस छोटे से अंतर के कारण साभी त्यौहारों मे अंतर आने लगा था. और यह छोटा सा 11 मिनट का अंतर 1600 सालो मे 10 दिनों का हो गया था. जिससे धार्मिक आयोजन एवं त्यौहारों मे बड़ा अंतर आने लगा. एवं सभी त्यौहार मौसम के अनुसार आगे होने लगे. कोई भी त्यौहार समय से मेल नहीं हो पर रहा था.

खासकर ईस्टर का त्यौहार. यह त्यौहार वसंत विशुव के बाद आने वाले पूर्णिमा को मनाया जाता था. जो जूलीयस कैलेंडर के अनुसार अपने समय से बहुत दूर होता जा रहा था. इसलिए चर्च के लोगो ने इस जुलियस कैलेंडर हुई हुई छोटी सी गड़बड़ी को ठीक करने का जीमा उठाया.

1582 calendar october story in hindi

चर्च ने इसका अंतर को ठीक करने लिया समाधान निकलने की सोची और पॉप ग्रेगरी xiii ने एक नए कैलेंडर बनाने की योजना बनाई. उन्होंने साल 1582 मे ग्रेगोरियन कैलेंडर को बनाया. जिसमे 10 दिन के बाढ़ चुके अंतर को ख़त्म किया. पॉप ग्रेगरी ने एलान किया की 4 अक्टूबर के बाद 5 अक्टूबर नहीं होगा बल्कि 15 अक्टूबर होगा. उनके आदेश से कैलेंडर का 10 दिन हटा दिया गया.

हालांकि उन्होंने इसलिए कैलेंडर से 10 दिन गायब किए थे ताकि मौसम के अनुसार सभी त्योहार और धार्मिक आयोजनों को लाया जा सके. जिसमे उस समय सभी त्यौहार समय से आगे चले गए थे. और यह दुरी दिनोदिन बढ़ती ही जा रही थी. इसलिए इसमें सुधार करना भी बहुत जरूरी हो गया था.

लेकिन इस बड़े बदलाव से उस समय काफ़ी परेशानिया भी पैदा हुई. जैसे जो मजदूर वर्ग के लोग थे उन्हें महीने मे दस दिन की मजदूरी को लेकर चिता. और कियादारों को उनकी कियारे पर असर हुई, यहाँ तक तो ठीक था. हद तो तब हुई जब कई सारे देश भी इस ग्रेगोरियन कैलेंडर को मारने से इनकार कर दिया था. जिससे कई के दिन अलग अलग हो गए थे. जिसकी वजह से देशो के व्यापार मे परेशानी आ गई. फिर समय के साथ सभी देशो ने इस कैलेंडर को स्वीकार किया. कई देश ऐसे भी थे जिसे इस कैलेंडर को स्वीकार करने में लगभग 200 वर्ष लग गए थे.

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