छोटा हंस और उसकी माँ ( little swan and his mother ) | motivational story in hindi language

छोटा हंस और उसकी माँ ( little swan and his mother ), motivational story in hindi language

Little swan and his mother motivational story in hindi language
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Little swan and his mother motivational story in hindi language – बहुत समय पहले की बात है, एक सुंदर झील के किनारे एक हंस का परिवार रहता था। परिवार में माँ हंस और उसके चार बच्चे थे। चारों बच्चे अभी छोटे थे और उन्होंने अभी तक उड़ना नहीं सीखा था।

 माँ हंस बहुत स्नेही और ध्यान रखने वाली थी। वह अपने बच्चों को उड़ना सिखाना चाहती थी ताकि वे स्वतंत्र हो सकें और अपनी दुनिया को खोज सकें।

चारों में से सबसे छोटा हंस, जिसका नाम चुन्नू था, थोड़ा डरपोक था। जब भी माँ हंस उन्हें उड़ने की कोशिश करने के लिए कहती, तो चुन्नू को डर लगता और वह कोशिश करने से बचता। माँ हंस ने सोचा कि उसे थोड़ा और प्रोत्साहन देना होगा।

एक दिन, माँ हंस ने अपने चारों बच्चों को झील के किनारे बुलाया। उसने कहा, “बच्चों, आज हम उड़ना सीखेंगे। यह बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि हम नई जगहों को देख सकें और अपने लिए खाना ढूंढ सकें।”

तीन बड़े बच्चे उत्साह से भरे थे और उन्होंने तुरंत अपने पंख फैलाए और उड़ने की कोशिश करने लगे। लेकिन चुन्नू अभी भी डरा हुआ था। उसने माँ हंस से कहा, “माँ, मुझे बहुत डर लग रहा है। अगर मैं गिर गया तो क्या होगा?”

माँ हंस ने मुस्कुराते हुए कहा, “चुन्नू, डरने की कोई बात नहीं है। हम सब कभी न कभी गिरते हैं, लेकिन हर बार उठकर फिर से कोशिश करनी होती है।

 देखो, तुम्हारे भाई-बहन भी कोशिश कर रहे हैं। अगर तुम कोशिश नहीं करोगे, तो कभी नहीं जान पाओगे कि तुम क्या कर सकते हो।”

चुन्नू ने अपनी माँ की बातों को ध्यान से सुना। उसने सोचा, “माँ सही कह रही हैं। अगर मैं कोशिश नहीं करूँगा, तो मुझे कभी नहीं पता चलेगा कि मैं उड़ सकता हूँ या नहीं।

” उसने हिम्मत जुटाई और अपने पंख फैलाए। पहले तो वह थोड़ा डरा, लेकिन फिर उसने धीरे-धीरे अपने पंखों को फड़फड़ाना शुरू किया।

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धीरे-धीरे, चुन्नू ने अपने पंखों को और तेजी से हिलाना शुरू किया। उसने देखा कि वह धीरे-धीरे जमीन से ऊपर उठ रहा है। उसे बहुत खुशी हुई, लेकिन उसने अपना संतुलन खो दिया और वह गिर गया। माँ हंस ने उसे उठाया और कहा, “कोई बात नहीं चुन्नू, पहली बार में हर कोई गिरता है। फिर से कोशिश करो।”

चुन्नू ने फिर से हिम्मत जुटाई और अपने पंख फैलाए। इस बार वह और ज्यादा ध्यान से उड़ा। उसने अपनी माँ की सलाह को याद रखा और अपने पंखों को संतुलित रखा।

धीरे-धीरे, वह हवा में ऊपर उठता गया और उसने झील के चारों ओर उड़ान भरी। उसे बहुत खुशी हुई कि वह उड़ने में सफल हो गया था।

माँ हंस ने खुशी से तालियाँ बजाई और कहा, “देखा चुन्नू, तुमने कर दिखाया! मेहनत और विश्वास से सब कुछ संभव है।”

चुन्नू ने अपनी माँ को धन्यवाद दिया और कहा, “माँ, अगर तुमने मुझे प्रोत्साहित नहीं किया होता, तो मैं कभी नहीं उड़ पाता। अब मुझे समझ में आ गया है कि हमें अपने डर का सामना करना चाहिए और कभी हार नहीं माननी चाहिए।”

माँ हंस ने गर्व से कहा, “हाँ चुन्नू, यही जीवन का सबसे बड़ा सबक है। मेहनत और विश्वास से हम सब कुछ हासिल कर सकते हैं।”

कहानी की सिख

इस प्रकार, चुन्नू ने उड़ना सीख लिया और उसकी माँ के साथ झील के ऊपर उड़ान भरने लगा। उसने अपने डर को जीत लिया और एक नए आत्मविश्वास के साथ अपनी दुनिया को देखना शुरू किया। इस घटना ने उसे सिखाया कि किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए हमें बस थोड़ी हिम्मत और विश्वास की जरूरत होती है।

motivational story in hindi language समाप्त

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