लालची कुत्ता | Greedy dog small story in hindi with moral

Greedy dog small story in hindi with moral | Greedy dog small in hindi | Greedy dog story in hindi moral | Greedy dog small story | Hindi stories

दोस्तों आज यहाँ आपको लालची कुत्ते ( Greedy dog small story in hindi with moral ) की कहानी पढ़ने को मिलेगी. जिसमे जानने को मिलेगा की लालच करना हमारे लिए कितना घातक साबित हो सकती है. जैसे इस कहानी मे कुत्ते के साथ होता है. इसलिए लालच कभी भी हमें नहीं करनी चाहिए. इस कहानी से भी हमें यही सीख भी मिलता है.

 Greedy dog small story in hindi with moral – लालची कुत्ते की छोटी कहानी

एक छोटे से गाँव में एक कुत्ता रहा करता था जो बहुत ही सवभाव लालची था. वह हमेशा दूसरे कुत्तों का खाना छीनने की कोशिश करता था और वह अपनी भूख मिटाने के लिए कुछ भी करने को हमेशा तैयार रहता था.

उसकी इसी आदत की वजह से सारे उस गांव के कुत्ते काफ़ी परेशान रहा करते थे. और वो सभी उससे छिपकर अपना भोजन किया करते थे.

क्योंकि उन्हें उस कुत्ते डर था की कही हमारा भोजन भी न छीन जाये.

 एक दिन उस कुत्ते को एक रोटी का टुकड़ा मिला. वह बहुत खुश हुआ और जल्दी से उस टुकड़े को मुँह में दबाकर एक सुरक्षित जगह की तलास करने लगा.

ताकि वह आराम से बैठकर रोटी खा सके.

वह कुत्ता सुरक्षित जगह ढूंढ़ते हुए एक नदी के किनारे पहुँचा. उसे नदी के दूसरी ओर एक अच्छी जगह दिखाई दी जहाँ वह शांति से अपनी रोटी खा सकता था.

इसे भी पढ़े 👇

शेर और चूहा

बन्दर और मगरमछ

सच्चाई का पुरुस्कार

उसने तुरंत नदी पार करने का निर्णय लिया. और वह रोटी का टुकड़ा मुँह में दबाकर एक लकड़ी के पुल से गुजरने लगा.

जब वह पुल के बीच में पंहुचा था. तो उसने नदी के साफ पानी में झाँका. वहा उसे अपनी ही परछाई दिखाई दी, लेकिन उसे लगा कि यह कोई दूसरा कुत्ता है, जिसके मुँह में भी एक रोटी का टुकड़ा है।

 लालची कुत्ता सोचने लगा, “अगर मैं इस कुत्ते की रोटी भी ले लूं, तो मेरी भूख पूरी तरह मिट जाएगी.

उसने दूसरे कुत्ते की रोटी पाने की लालसा में जोर से भौंकने का प्रयास किया. जैसे ही उसने मुँह खोला, मुँह में दबा हुआ रोटी का टुकड़ा नदी में गिर गया और बहते पानी के साथ दूर चला गया.

कुत्ते ने अपनी रोटी को पानी में गिरते हुए देखा और समझ गया कि उसने कितनी बड़ी गलती की है. अब उसके पास कुछ भी नहीं बचा था और उसकी भूख भी शांत नहीं हुई.

कुत्ता बहुत दुखी हुआ और सोचने लगा, “मेरी लालच ने मुझे मेरी रोटी से भी वंचित कर दिया. अगर मैंने दूसरे कुत्ते की रोटी पाने की कोशिश नहीं की होती,

 तो अभी मैं अपनी रोटी खा रहा होता, और मेरा भूख भी शांत हो गया होता.

उस दिन के बाद से कुत्ते ने लालच करना छोड़ दिया और जो कुछ भी मिलता, उसी में संतुष्ट रहने लगा.

 उसने यह सिख लिया कि लालच का परिणाम हमेशा बुरा होता है और हमें जो भी मिलता है, उसमें संतुष्ट रहना चाहिए।

कहानी की सीख

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि लालच करना हमें नुकसान पहुँचाता है। हमें जो कुछ भी मिलता है, उसमें संतुष्ट रहना चाहिए और दूसरे की चीजों पर लालच नहीं करना चाहिए। संतोषी व्यक्ति ही सच्चा सुखी होता है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *