तीन मित्र और सोने की ईंट | Very small short stories in hindi for kids

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तीन मित्र और सोने की ईंट की कहानी – Three friends and the gold brick verry small stories

बहुत पहले की बात है एक छोटे गांव तीन मित्र रहा करते थे. जिनका नाम विजय, अजय और राजू था. वे तीनों बहुत अच्छे दोस्त थे.और हमेशा एक-दूसरे की मदद भी किया करते थे.

उनकी दोस्ती गांव मे काफ़ी प्रसिद्ध थी. उस गांव के लोग उनकी दोस्ती का मिसाल दिया करते थे. पर वह काफ़ी गरीब थे.

तीनो दोस्त दिनभर अपने अपने काम किया करते और शाम के समय आपस मे रोज मिलकर बात किया करते थे.

उनकी जिंदगी गरीबी मे भी काफ़ी अच्छी काट रही थी. फिर उन्होने एक दिन सोचा की क्यों न कुछ और पैसे कमाए जाये.

उसके अगले दिन शाम के समय तीनो दोस्त इकठा हुए और ज्यादा पैसे कैसे कामए जाये उसके बारे मे बात शुरू की.

उन्होंने इसपर बात करके एक फैसला लिया के वे लोग जंगल मे जाकर लकड़ी काट लाएंगे और उसे बाजार मे बेचकर अच्छे पैसे कमाएंगे

 इसके बाद तीनो दोस्त अपने अपने घर चले गए.

अगले दिन जब वे तीनों जंगल में लकड़ियाँ काटकर इकट्ठा कर रहे थे, तभी उन्हें एक गड्ढे में चमकती हुई एक सोने की ईंट दिखाई दी. तब तीनों मित्रों की आँखें चमक उठीं.

 उन्होंने सोने की ईंट को बाहर निकाला और खुशी से झूम उठे.

विजय ने कहा, “हम इस सोने की ईंट को बेचकर बहुत सारे पैसे कमा सकते हैं. हमें इसे आपस में बराबर बाँट लेना चाहिए.

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अजय ने सहमति जताते हुए कहा, “हाँ, हमें यह सोने की ईंट बेचकर तीन हिस्सों में पैसे बाँट लेनी चाहिए।”

राजू ने कहा, “लेकिन सबसे पहले हमें इसे बेचने के लिए शहर जाना होगा चलो, हम तीनों शहर चलते हैं और इसे बेचकर वापस आते है.

वे तीनों दोस्त शहर की ओर चल पड़े. वे लोग पैदल चलते चलते रास्ते में बहुत थक गए और उनको भूख भी लगने लगी. तब विजय ने कहा, “हमारे पास खाने को कुछ नहीं है. राजू, तुम जाओ और कुछ खाना लेकर आओ.

 हम यहाँ तुम्हारा इंतजार करेंगे.

राजू शहर की ओर खाना लाने चला गया। विजय और अजय वहीं रुककर इंतजार करने लगे. लेकिन विजय और अजय के मन में लालच आ गया.

विजय ने कहा, “अगर हम इस सोने की ईंट को दो हिस्सों में बाँट लें तो हमें ज्यादा पैसे मिलेगा. क्यों न हम राजू को मार डालें?”

अजय ने सहमति जताते हुए कहा, “हाँ, यह सही रहेगा. हम राजू को मार डालते हैं और सोने की ईंट को हम दोनों आपस में बाँट लेते है.

वहीं दूसरी ओर, राजू भी लालच में आ गया था। उसने सोचा, “अगर मैं विजय और अजय को मार डालूँ, तो पूरी सोने की ईंट ही मेरी हो जाएगी.

यही सोचते हुए राजू खाना लिया और उसने खाने में जहर मिला दिया और वापस विजय और अजय के पास लौट आया.

जैसे ही राजू वापस पहुँचा, विजय और अजय ने उसे मार डाला और खुशी-खुशी खाने की तैयारी करने लगे. उन्होंने सोचा कि अब पूरी सोने की ईंट उनकी हो गई है.

लेकिन जैसे ही उन्होंने जहर मिला खाना खाया, वे दोनों भी वही मर गए.

इस प्रकार, तीनों मित्रों का लालच और धोखेबाजी उनके लिए बहुत घातक साबित हुई और कोई भी सोने की ईंट का फायदा नहीं उठा सका.

 सोने की ईंट वहीं पड़ी रही और तीनों की लाशें भी वहीं पड़ी रहीं.

कहानी की सीख

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि लालच और धोखेबाजी हमेशा विनाश की ओर ले जाती हैं। हमें हमेशा ईमानदारी और विश्वास के साथ अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। लालच का फल हमेशा बुरा होता है और इससे केवल दुख और कष्ट ही मिलता है।

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