रानी की रहस्यमयी यात्रा | Story in hindi moral for kids | Rani hindi story | Queen story in hindi | story hindi mein
रानी की रहस्यमयी यात्रा की कहानी – The Queen’s Mysterious Journey story in hindi moral
एक छोटे से राज्य में रानी रत्नावली नाम की एक बुद्धिमान और सुंदर रानी राज्य करती थी. रानी रत्नावली अपने राज्य की प्रजा के प्रति बेहद ही दयालु और बहुत न्यायप्रिय थीं. उनके राज्य में सभी लोग सुखी और संतुष्ट रहते थे. लेकिन रानी के मन में हमेशा एक सवाल उठता था – “क्या इस दुनिया में कोई ऐसा रहस्य है जिसे मैं नहीं जानती?”
ऐसे ही वहा के लोग और उस राज्य के रानी का समय व्यतीत होता रहा. पर अभी तक रानी के मन मे उठ रहे सवाल का जबाब उन्हें नहीं मिल पाया.
एक दिन जब रानी शाम के समय अपने बाग मे टहल रही थी. तो रानी को वहा एक रहस्यमयी संदेश मिला. जिस संदेश में लिखा था, “अगर तुम सच्चे दिल से इस दुनिया के सबसे बड़े रहस्य को जानना चाहती हो, तो तुम्हें सात पहाड़ों के पार जाना होगा.
वहाँ तुम्हें एक जादुई झील मिलेगी, जो तुम्हें तुम्हारे हर सवाल का जवाब देगी. रानी ने यह संदेश पढ़ा और वही निर्णय लिया कि वह इस रहस्य को जानने के लिए यात्रा पर जरूर जाएंगी.
उसके अगले दिन रानी ने अपने सबसे भरोसेमंद सलाहकारों और कुछ योद्धाओं को बुलाया और उन्हें अपनी योजना के बारे में बताया.
रानी ने अपने राज्य की जिम्मेदारी अपने छोटे भाई को सौंप दी और वह यात्रा की तैयारी शुरू कर दी. रानी ने अपने साथ कुछ आवश्यक वस्त्र, भोजन और एक जादुई तलवार ली, जो उन्हें किसी भी संकट से बचा सकता था.
रानी ने अपने बेहद ही भरोसेमंद साथी को लेकर पहले पहाड़ की ओर बढ़ने लगे. चलते चलते वो पहाड़ के पास पहुचे. यह पहाड़ बहुत ही ऊँचा और काफ़ी खतरनाक भी था.
रास्ते में उन्हें कई बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन रानी ने अपने साहस और धैर्य से सभी मुश्किलों को भी आसानी से पार किया.
पहाड़ के सबसे ऊपर शिखर पर पहुँचने के बाद, उन्हें एक बूढ़ा साधु मिला. साधु ने रानी से कहा, “तुम्हारी यात्रा अभी अभी शुरू हुई है. आगे की राह और भी बहुत कठिन होगी, लेकिन तुम्हारा धैर्य और साहस तुम्हें अपनी मंजिल तक पहुँचाएगा।”
फिर रानी वो उनके साथी पहले पहाड़ को पर कर अपने मंजिल की ओर बढ़ते हुए. दूसरे पहाड़ की ओर बढ़ने लगे.
दूसरे पहाड़ की यात्रा और भी अधिक कठिन थी. यहाँ उन्हें एक बेहद विशालकाय राक्षस का सामना भी करना पड़ा.
राक्षस ने रानी और उनके साथियों को बहुत डराने की कोशिश की, लेकिन रानी ने अपनी जादुई तलवार से राक्षस को हराकर परास्त कर दिया.
राक्षस ने हार मानकर रानी से कहा, “तुम्हारी वीरता और साहस की मैं अत्यधिक प्रशंसा करता हूँ. क्योंकि आज तक मुझे किसी भी इंसान ने मुझे परस्त नहीं कर पाया.
अब आगे की यात्रा में तुम्हें और भी काफ़ी बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन मैं तुम्हारे साथ हूँ.
वहा से रानी और उसके वफादार साथी एवं राक्षस सभी एक साथ तीसरे पहाड़ की ओर बढ़ने लगे.
तीसरे पहाड़ पर पहुँचते ही रानी और उनके सभी साथी एक भयानक घने जंगल में पहुँच गए. इस जंगल में कई जंगली जानवर और खतरनाक जड़ी-बूटियाँ थीं.
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रानी ने अपने ज्ञान और बुद्धिमानी से सभी खतरों को पार किया और जंगल के अंत में उन्हें एक जादुई झरना मिला. झरने के पानी ने रानी और उनके साथियों को नई ऊर्जा और अत्यधिक शक्ति प्रदान की.
फिर वहा से सभी लोग एक साथ मिलकर अगले पहाड़ की ओर बढ़ने लगे.
चौथे पहाड़ की यात्रा में रानी को एक रहस्यमयी गुण का गुफा मिलता है. जहा गुफा के अंदर एक जादुई दर्पण दीखता है, जो किसी भी व्यक्ति की सच्चाई वो ईमानदारी को दिखाता था.
वहा रानी ने दर्पण में देखा और उसे अपनी आत्मा की सच्चाई का पता चला. उसने महसूस किया कि सच्ची खुशी और संतोष केवल बाहरी चीजों में नहीं, बल्कि अपनी आत्मा की शांति में है.
वहा से कुछ नई जानकरी के साथ रानी वो सभी साथी अगले पहाड़ की ओर चल दिए.
जब सभी लोग रानी के साथ पचवे पहाड़ के सिखर पर पहुचे तो उन्हें पाँचवें पहाड़ पर एक जादुई शक्ति से भरा बाग मिला. इस बाग में कई तरह के फूल और फल लगे हुए थे,
जो किसी भी बीमारी को बड़ी आसानी से ठीक कर सकते थे. रानी ने बाग के फूलों और फलों का उपयोग करके अपने साथियों की थकान और सफर मे लगे चोटों को ठीक करने के लिए किया.
बाग के अंत में उन्हें एक जादुई पक्षी भी मिला, जिसने उन्हें आगे की यात्रा के लिए सही मार्गदर्शन किया.
जादुई पक्षी से मार्गदर्शन लेकर रानी अपनी सभी साथी को लेकर छठे पहाड़ की तरफ बढ़ने लगे.
छठे पहाड़ की यात्रा में रानी को एक बेहद डरावनी और काफ़ी विशालकाय नदी को पार करनी पड़ी. नदी बहुत ही गहरी और तेज धारा बहाव वाली थी.
रानी ने अपने साहस और धैर्य से नदी को पार किया और दूसरी ओर पहुँच गई. वहाँ उन्हें एक जादुई नाव मिली, जो उन सभी को सातवें पहाड़ तक ले गई.
सातवें पहाड़ पर पहुँचते ही मिले रहस्यमय सन्देश के अनुसार रानी को वहा एक जादुई झील मिली. झील के पानी में उन्होंने अपना चेहरा देखा और उन्हें अपने मन मे उठ रहे सभी सवाल का जवाब मिल गया.
झील ने उन्हें बताया कि सच्चा रहस्य आत्मा की शांति और संतोष में है. बाहरी चीजें केवल अस्थायी सुख देती हैं, लेकिन सच्ची खुशी आत्मा की शांति में है.
रानी ने अपने सवाल का जवाब पाकर अपने राज्य की ओर वापसी की. उन्होंने अपने राज्य में लौटकर सभी को अपनी यात्रा के अनुभव और सच्ची खुशी का रहस्य बताया.
उनके राज्य में सभी लोग उनकी बुद्धिमानी और साहस की बेहद प्रशंसा करने लगे.
कहानी की सीख
रानी रत्नावली की यह रहस्यमयी यात्रा हमें सिखाती है कि सच्ची खुशी और संतोष बाहरी चीजों में नहीं, बल्कि आत्मा की शांति में है. हमें अपने जीवन में धैर्य, साहस और बुद्धिमानी से सभी मुश्किलों का सामना करना चाहिए और सच्ची खुशी की तलाश करनी चाहिए.