Dipawali ki shopping 2025 | बच्चों के अच्छी सीख की कहानियाँ

Dipawali ki shopping 2024 | बच्चों के अच्छी सीख की कहानियाँ

Dipawali ki shopping 2024 – भारत को त्यौहारों का देश कहा जाता है. क्योंकि हमारे देश भारत में बहुत तरह के बेहद प्यारे त्यौहार मनाए जाते हैं. जो पूरे परिवार और समाज को एक साथ लाने के लिए बहुत ज़रूरी भी होता है. ऐसा ही एक त्यौहार है दीवाली का. लेकिन जैसे जैसे दीवाली का समय नज़दीक आ रहा था.

राजा और रानी की एक्ससिटेमेंट भी बढ़ती ही जा रही थी. अब तो दीवाली में केवल आठ ही दिन ही रह गए हैं. हम दीवाली की shopping करने कब जाएंगे? काम वाली ने कहा मुझे भी साथ में जाना है दीवाली की shopping करने. कल तुम्हारे papa की छुट्टी है office मे. इसलिए तो कल ही हम सब market चलेंगे, ठीक है? 

ये सुनकर राजा और रानी काफी खुश हो जाते हैं. शाम को जब papa office से घर आते हैं, तो राजा और रानी ने उनसे भी दीवाली की shopping को लेकर disc question की. जाब सबलोग Dinner table खाना खा रहे थे. तब राजा कहता है. Papa मैंने तो कुछ नए bulbs देखे हैं जिनकी light का color change होता रहता है. मैंने इस बार दीवाली में वैसे ही bulk लेने का plan बनाया है.

राजा के पापा ने कहा, “हाँ बेटा, हम कल ही market से दीवाली की सारी चीज़ें ले आऐंगे. Mummy और रानी ये सुनकर मुस्कराते हैं. अगले दिन सुबह सुबह वही, राजा और रानी market जाने के लिए तैयार हो जाते हैं. उनकी excitement देखकर papa और mummy को भी बहुत मज़ा आ रहा था. Breakfast के बाद papa ने garage से car निकाली. और सभी car में बैठकर दीवाली की shopping करने के लिए market की ओर निकल पड़े.

दीवाली अब केवल एक हफ्ते ही दूर थी. इसीलिए, पूरे बाज़ार में काफी चहल पहल और शानदार सजी हुई दुकाने लगी थी. हर कोई अपने घर को रौशनी से सजाने के लिए और त्यौहार कि अन्य कई चीज़ों को खरीदने के लिए market आयें हुयें थे.

सबसे पहले हम दिए और lighting की सारी चीज़ें ले लेते हैं. Papa ने एक दुकान की तरफ इशारा करते हुए कहा, देखो ये मिट्टी के दिए दीवाली के लिए शुभ माने जाते हैं. और पूजा के लिए तो ये traditional दिए ही अच्छे लगते हैं. इसलिए पहले हम थोड़े से यह मिट्टी के दिए ले लेते हैं उसके बाद राजा के पसंद की electric bulbs वाली ले लेंगे और पूरे घर को उसी से सजाएंगे और रंगोली का colours भी ले लेंगे चलो पहले ये दिये ले लेते हैं

papa और mummy गणपत सिंह की एक छोटे से shop पर आ जाते हैं जहां मिट्टी के दिए बेचे जा रहे थे वो दुकाने काफी बुज़ुर्ग आदमी की थी जिन्होंने धोती कुर्ता पहना हुआ था. उन्होंने कहा बाबूजी हमारे पास हर size के मिट्टी के दिए हैं यह देखिए papa और mummy दिए select करने लगे तो उन्होंने आगे कहा, “गांव में हम खुद यह दिए बनाते हैं लेकिन आजकल बिजली के ball वाली लड़कियों का fashion है इसीलिए तब पहले की तरह कमाई नहीं हो पाती. यह सुनकर राजा रानी दोनों को काफी ज़्यादा बुरा लगता है. उन्हें उस दुकानदार के face पे काफी sadness नज़र आती है. ऐसे old age में इतनी मेहनत करने के बाद भी उस बुज़ुर्ग की उदास शक्ल देखकर

राजा ने papa से कहा, “Papa मैं सोच रहा था कि बिजली वाली दिए की जगह हम यह मिट्टी के दिए ही ले लेते हैं. Papa और mummy मुस्कुराते हैं. फिर mummy कहती है. हम दोनों ही तरह की lights आधी आधी ले लेते हैं. घर की दहलीज, रंगोली, पूजा room और घर के हर कोने में हम ये मिट्टी के दिए ही जलाएंगे और बाकी जगह पर वो bulb वाली दिए लटका देंगे. Papa और mummy ने बहुत सारे मिट्टी के दिए खरीदे और इससे दुकानदार का चेहरा खेल उठा. उस बुज़ुर्ग दुकानदार की खुशी देखकर, राजा और रानी भी खुश हो जाते हैं.

इसके बाद सभी बिजली के bulb वाली लडिया खरीदने एक दूसरे shop में जाते हैं. और shopkeeper से वो इलेक्ट्रिक बल्ब वाली लडिया निकलवाते है जिसके belves का color change होता रहता था. Shopkeeper ने वो वाली लड़ी को जला कर उनको दिखाया. अरे वाह, इसके bulb से पहले yellow light निकल रही थी और अब green light. हाँ, है ना कमाल रानी . 

ये तो बहुत ही सुंदर है हम ऐसे ही लड़िया ले लेते हैं. Show keeper ने अच्छे से भी उस इलेक्ट्रिक बल्ब वाली लड़िया को pack कर दी और papa ने उनको payment कर दिया. अब क्या लेना है बच्चों? Ma’am ने पूछा तब राजा व रानी एक साथ बोले रंगोली के लिए colors? हां अब हम रंगोली के colors लेंगे.

अब पूरी family एक departmental store में जाती है. जहा उन्होंने रंगोली के colours भी लिए और बहुत सारे अन्य घरेलू सामान भी फिर papa ने सबसे पुछा तुम लोगों को नहीं लगता हम एक सामान भूल गए हैं. कौन सा सामान papa? रानी और mummy भी surprise हो कर papa की तरफ देखने लगी.

अरेहे दीवाली के पटाखे नहीं लेने हैं क्या? राजा एवं रानी एक दूसरी की तरह देखते हैं और फिर रानी कहती है नहीं पापा हम पटाखे नहीं फोड़ेंगे. दीवाली तो रौशनी का त्यौहार है और हमने already इतने सारे दिए और बल वाली लढियां भी ले ली है. लेकिन air pollution और sound pollution करने वाले पटाखे हमें नहीं चाहिए.

तब राजा बोला, “papa, रानी सही कह रही है. पटाखे जलाने से ना सिर्फ हम environment में toxic धुआं छोड़ते हैं बल्कि ज़ोर के धमाकों से sound pollution भी होता है. कितने सारे बेचारे dogs, cats और birds भी इन धमाकों से डर जाते हैं. अरे वाह बच्चों तुम दोनों तो काफी समझदार और responsible हो गए हो. Mummy और papa बहुत खुश भी होते हैं और proud भी feel करते हैं. 

Market से वापस आकर, राजा एवं रानी सारा सामान car से निकाल कर cupboards में अच्छे से रखा. उसके बाद drawing room में सोफे पर बैठकर वह discussion करते हैं अब आगे का क्या plan है mummy? अब हमें पूरे घर की सफाई करनी होगी. दीवाली सिर्फ एक week दूर है. आप एकदम निश्चिंत रहो mummy, हम दोनों एक साथ मिलकर अगले दो ही दिनों में घर का कोना कोना साफ कर देंगे. Next 2, 3 days में.

राजा एवं रानी ने mummy के instructions follow करते हुए पूरे घर की बहुत ही अच्छी सफाई की. काफी पुरानी चीज़ें जिनका कोई काम नहीं था. उनको एक जगह जमा किया. फिर राजा ने बाहर जा के कबाड़ी वाले को बुला लिया. और सारा फ़ालतू सामान उनको दे दिया और अब इस घर को अच्छे से सजाने की बारी थी.

दीवाली की सारी तैयारियों को ध्यान में रखते हुए mummy ने कहा. राजा बेटा , मिट्टी के दिये तो हम दीवाली के दिन ही सब जगह रखेंगे, लेकिन तुम अपने बिजली वाले bulb की लड़िया हर जगह लटका दो. ठीक है mummy और मैं इस बार एक बड़ी सी रंगोली बनाऊँगी एक नए design में. मैंने internet पे एक नई recipe देखी थी नारियल के लड्डू बनाने की. इस बार दीवाली पर मैं वो लड्डू सबके लिए बनाना चाहता हूँ. लड्डू और रानी की excitement देखकर mummy को भी बहुत मज़ा आ रहा था. उन्होंने पहले राजा को लड्डू बनाने में इस्तेमाल होने वाली चीज़ों की list बनाने में help की.

Dipawali ki shopping or rangoli 2024 | बच्चों के अच्छी सीख की कहानियाँ
Dipawali ki shopping

फिर राजा बाहर shop से वो सभी चीज़ें लाया. दूसरी रानी ने computer पर एक बहुत ही interesting सा design तैयार किया. और फिर उसका print out ले आया. दीवाली से दो दिन पहले, राजा kitchen में पूरे ध्यान से नारियल का लड्डू तैयार करने लगता है. वो बार बार recipe की video देख कर सारे steps समझा और फिर उन्हें steps को follow करते हुए लड्डू बनाने की कोशिश करने लगा. 

Beach में mummy kitchen में आती है राजा की help करने. मैं कुछ help करूं तुम्हारी? नहीं नहीं mummy, मैं यह सब खुद ही करना चाहता हूं. तभी तो सीखूँगा. Mummy फिर रानी के पास जाती है जो भी पूरे focus के साथ रंगोली को final touch दे रही थी मैं वो last वाली flower potters में रंग भर दूँ. ना ही mummy इस बार मैं अकेले ही पूरी रंगोली बनाना चाहती हूँ.

अंदर राजा के लड्डू तैयार हो गए थे और जब तक रानी अपनी रंगोली तैयार करती तब तक मॉम ने पूरे घर के corners में मिट्टी के दिये रख दिये और colour change करने वाली belves की लड़ियों से भी पूरे घर को सजा दिया. शाम में जब papa वापस घर आते हैं तो दीवाली की तैयारी में हुई रौशनी और सजावट देखकर खुश हो जाते हैं. अरे शाबाश, राजा और रानी घर को तुम दोनों ने तो बहुत ही अच्छे से दीवाली के लिए सजाया है राजा और रानी मुस्कराते हैं वही mummy ने papa को रंगोली की तरफ इशारा किया और रानी ये रंगोली तो बहुत ही amazing है इतना difficult design तुमने अकेले ही बना दिया papa की तारीफ सुनकर जिनकी बहुत खुश होती है.

तब तक mummy एक plate में थोड़े लड्डू लेकर papa को खाने देती है. ये special लड्डू राजा ने बनाए हैं? Papa ने लड्डू खाया तो उनको बहुत ही tasty लगा. उन्होंने एक और लड्डू मुंह में डाला और फिर बोला, अरे वाह, राजा. हमें नहीं पता था कि तुम्हारे अंदर इतनी अच्छी cooking skills भी है. राजा और रानी दोनों papa की तारीफ सुनकर काफी खुश होते हैं. अब हम पूरी तरह से तैयार हैं. दीवाली को जोश और उमंग के साथ celebrate करने के लिए. Papa mummy और जिनकी यह सुनकर मुस्कराते हैं. और तालियाँ बजाते हैं. अगर आपको Dipawali ki shopping 2024 | बच्चों के अच्छी सीख की कहानियाँ पसंद आ रहे हैं तो इन्हें like करें, comment करें

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