गाय और उसका बछड़ा की कहानी | हिम्मत की कहानी | Hindi short stories

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Story of courage of cow and calfगाय और बछड़े की हिम्मत की कहानी Gay bachade ki kahani

गाय की कहानी

Gay bachade ki kahani – बहुत समय पहले की बात है, एक अच्छा और शांतिपूर्ण गांव था. उस गांव में एक गाय अपने नन्हे बछड़े के साथ रहती थी.

 गाय का नाम गौरी था और उसका बछड़ा बहुत प्यारा और चंचल सवभाव का था. गौरी अपने बछड़े का बहुत ख्याल रखती थी और उसे कभी अकेला नहीं छोड़ती थी. नन्हा बछड़ा जहा भी जाता वह उसके साथ ही जाती.

 वह हर दिन बछड़े के साथ खेतो में जाती और हरी-हरी घास खाती और खूब मस्ती करती थी.

ऐसे ही मस्ती से गौरी और उसके नन्हे बछड़े का जीवन व्यतीत हो रहा था.

पर एक दिन, जब गौरी और उसका बछड़ा खेत में घास चर रहे थे, तभी अचानक जंगल से एक भूखा बाघ उनके सामने आ गया. बाघ ने बछड़े को देखा और उसकी ओर झपट पड़ा.

 बछड़ा डर से थर – थर कांपने लगा और अपनी माँ की ओर देखने लगा. गौरी ने बाघ को देखा और तुरंत बछड़े को अपने पीछे छिपा लिया. फिर उसने तुरंत सोचकर फिसला लिया की , “मैं अपने बछड़े को बचाने के लिए अपनी जान भी दे दूंगी.”

बाघ ने गुर्राते हुए गौरी से कहा, “गौरी, आज मैं तुम्हारे बछड़े को अपना शिकार बनाऊंगा. तुम उसे मुझे सौंप दो, वरना नहीं तो मैं तुम दोनों को खा जाऊंगा”

गौरी ने हिम्मत जुटाकर बाघ से कहा, “नहीं, मैं अपने बछड़े को तुम्हें नहीं दूंगी. उसे पाने के लिए तुम्हें पहले मुझसे लड़कर मुझे हराना होगा.”

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बाघ ने गौरी की बहादुरी देखी और उस पर हमला करने के लिए तैयार हो गया. लेकिन गौरी ने भी हार मानने का नाम नहीं लिया. उसने अपनी दोनों सींगों से बाघ पर हमला कर दिया.

बाघ और गौरी के बीच घमासान लड़ाई शुरू हो गई. गौरी ने अपनी पूरी ताकत लगाकर बाघ का मुकाबला किया.

इस बीच, खेत में काम कर रहे किसान ने यह दृश्य देखा और तुरंत दौड़कर गांव के लोगों को बुला लाया. गांव के लोग डंडों और लाठियों के साथ आए और बाघ को चारो तरफ से घेर लिया

 बाघ ने खुद को घिरा हुआ देखा तो वह वहां से भागने में ही भलाई समझी. वह जंगल की ओर दौड़ लगाकर भाग गया.

गौरी ने अपने बछड़े को अपनी ओर खींच लिया और उसे प्यार से चाटने लगी. बछड़ा अपनी माँ से लिपट गया और उसके प्यार और सुरक्षा में खुद को सुरक्षित महसूस करने लगा. गांव के लोग गौरी की बहादुरी की प्रशंसा करने लगे और उन्होंने उसे धन्यवाद दिया.

उस दिन के बाद से, गांव के सभी लोग गौरी की बहादुरी के किस्से सुनाते और कहते, “गौरी ने हमें सिखाया कि माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.

 उसकी बहादुरी और अपने बच्चे के प्रति उसका प्यार प्रेरणादायक है.”

गौरी और उसका बछड़ा खुशी-खुशी अपने खेत में रहते और हर दिन की शुरुआत नई उम्मीद और दुगनी साहस के साथ करते.

उनकी कहानी गांव के सभी बच्चों को सुनाई जाती और उन्हें सिखाई जाती कि माता-पिता का प्यार और सुरक्षा सबसे बड़ी ताकत होती है.

Jadui gay कहानी की सीख

माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उनके प्यार और साहस में असीम शक्ति होती है।

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