नन्हा तितली और बड़ा आसमान | हिंदी कहानियाँ | Hindi small stories

नन्हा तितली और बड़ा आसमान | हिंदी कहानियाँ | Hindi small stories | Little butterfly and big sky | short story in hindi

नन्हा तितली और बड़ा आसमान की कहानी – Little butterfly and big sky hindi small kahani

एक सुंदर बगीचे में एक नन्ही तितली रहा करती थी जिसका नाम था तारा. तारा के दोनों पंख रंग-बिरंगे थे. लेकिन वह बहुत ही छोटी सी थी.

 उसका भी एक अपना सपना था कि वह बड़े आसमान में बहुत ऊँचाई तक उड़ सके एवं पूरी दुनिया अपनी आँखो देख सके. लेकिन उसे बहुत डर लगता था कि वह इतनी छोटी है कि वह कभी भी इतना ऊँचा नहीं उड़ पाएगी.

हर दिन तारा अपने सभी दोस्तों को आसमान में ऊँचाई तक उड़ते हुए देखती थी और मन ही मन यही सोचती थी, “काश मैं भी इतने ऊँचे उड़ पाती.”

” तारा के दोस्त उसे हमेशा प्रोत्साहित करते थे, लेकिन तारा का आत्मविश्वास बहुत कम था।

उसका आत्मविश्वास कम होने का सबसे बड़ा कारण था उसका छोटा होना. इसलिए वह आसमान के उचाईयों पर उड़ने से वह डरती थी.

तारा का सपना था की वह उचाईयों पर उड़े पर उसे अब ये असम्भव सा प्रतीत होता था. ऐसे ही उसकी निराशा भरी जीवन व्यतीत हो रही थी.

फिर एक दिन बगीचे में एक बूढ़ी और काफ़ी समझदार तितली आई. उसका नाम रानी था. रानी ने तारा के उदास चेहरे को देखा और उससे पूछा, “क्या हुआ तारा?

तुम इतनी उदास क्यों हो?”

तारा ने अपने मन की सभी बात रानी को बताई, “मुझे बड़ा आसमान बहुत पसंद है, लेकिन मुझे बहुत डर लगता है कि मैं उतनी ऊँचाई तक नहीं उड़ पाऊँगी.

रानी ने मुस्कुराते हुए तारा से कहा, “तारा, क्या तुमने कभी कोशिश की है? ऊँचाई तक उड़ने के लिए हिम्मत और विश्वास की जरूरत होती है. अगर तुम कोशिश करोगी, तो उसमे तुम जरूर सफल हो जाओगी.

तारा ने सोचा कि रानी सही कह रही है. उसने अपनी पूरी हिम्मत जुटाई और रानी की बात मानकर आसमान मे उड़ान भरने की कोशिश की.

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 तारा ने सबसे पहले थोड़ा-थोड़ा उड़ना शुरू किया. वह आसमान मे कुछ ही ऊँचाई पर जाती और फिर जल्द ही नीचे आ जाती. लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी. और उसने रोजाना अभ्यास करना भी जारी रखा.

लगातार रोजाना अभ्यास से धीरे-धीरे तारा का आत्मविश्वास बढ़ने लगा. और एक दिन उसने अपने पंखों को पूरी ताकत से फड़फड़ाया और आसमान मे उड़ान भरी.

तारा ने खुद को ऊपर की ओर धकेला और देखते ही देखते वह बड़े आसमान मे बहुत उचाईयों तक पहुँच गई. उसने देखा कि आसमान कितना विशाल और खूबसूरत है. उसे महसूस हुआ कि उसकी हिम्मत और विश्वास ने उसे यहाँ तक पहुँचाया है. 

तारा ने ऊँचाई से जब नीचे देखा तो उसने अपने दोस्तों को हाथ हिलाते हुए देखा. उसने खुशी-खुशी अपनी उड़ान जारी रखी और आसमान में नई-नई जगहों की खोज की.

 उसे महसूस हुआ कि उसकी हिम्मत उससे भी बड़ी थी और उसने अपने डर को मात दे दी थी.

जब तारा वापस बगीचे में आई, तो उसके दोस्तों ने उसे ढेर सारी बधाई दी और उसकी काफ़ी प्रशंसा की. तारा ने सबको बताया कि कैसे उसने अपने डर को पार किया और ऊँचाई तक उड़ने का अपना सपना पूरा किया.

उस दिन से तारा ने सीखा कि अगर हम अपने डर को मात दें और हिम्मत और विश्वास के साथ आगे बढ़ें, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है

 उसने अपने दोस्तों को भी प्रेरित किया कि वे भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए हिम्मत जुटाएँ.

इस प्रकार, तारा ने बड़े आसमान में उड़ने का अपना सपना पूरा किया और उसने सभी को यह संदेश दिया कि सपनों की ऊँचाई से कोई फर्क नहीं पड़ता, बस हमें अपने आत्मविश्वास और हिम्मत पर विश्वास रखना चाहिए.

कहानी की सीख

दोस्तों इस कहानी हमें यही सिखने को मिलता है की कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है. लेकिन उसके लिए अपने ऊपर विश्वास होना बहुत जरुरी होता है.

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