जादुई गुलाबी घड़ा का रहस्य छोटी कहानी – magical pink pitcher choti kanani in hindi
एक बच्चों से भारी गाँव में एक छोटी सी लड़की नामकरी रहती थी. वह बचपन से ही काफ़ी जिज्ञासु सवभाव की लड़की थी. वो हमेशा नई चीजों के बारे मे जानने के लिए काफ़ी उत्सुक हो जाती थी.
उसके गाँव में बहुत सारे पेड़-पौधे थे, लेकिन एक पेड़ काफ़ी मशहूर था जिसे उसेके गांव के लोग के द्वारा सबसे ज्यादा पसंद किया जाता था.
वह पेड़ था जादुई गुलाबी घड़ा वाला पेड़, इस पेड़ पर ढेर सारे गुलाबी रंग के घड़े लगे हुए थे, जो देखने मे काफ़ी मनमोहन लगते थे.
इस पेड़ खासियत यह थी की वह लोगो को अपनी ओर आकर्षित करता था. इसलिए उस गांव के लोगो का मानना था की यह को जादुई पेड़ है. जो किसी को भी अपनी ओर आकृष्ण कर सकता है.
नामकरी को बचपन से ही जादू के प्रति बहुत लगाव था. और जब उसने सुना की गुलाबी घरे का पेड़ जादूई है.
तो वह दिन-रात यह सोचने में लगी रही कि आखिर उस गुलाबी घड़े का जादू कैसे काम करता है.
एक दिन, जब वह खुले मैदान में अपने दोस्तों के साथ खेल रही थी, तभी उसने उस गुलाबी घड़े को देखा. वह उसके पास गई और उसे छूने की कोशिश की।
“ये गुलाबी घड़ा बहुत ही खूबसूरत है!” नामकरी ने अपने दोस्तों को बताया। “इसमें जादू है क्या?”
उसके दोस्तों ने भी उस घड़े को देखा, लेकिन कोई भी उसके जादू के बारे में नहीं जानता था। वे सब मिलकर सोचने लगे कि यह जादू कैसे हो सकता है।
एक दिन, नामकरी ने फिर सोचा कि वह इस राज को कैसे सुलझा सकती है। वह रात में गुलाबी घड़े के पास गई और उसे गौर से देखने लगी कि क्या होता है.
इसे भी बढे 👇
तभी उसके मन मे विचार आया की इसको क्यों न छूकर देखा जाय की घड़े को छूने से क्या होता है.
फिर उसने ध्यान से घड़े को छूने की कोशिश की, लेकिन उसका हाथ घड़े के पास आते ही रुक जाता था.
उसने काफ़ी प्रयास के बाद भी वह घड़े को छू न पायी. क्योंकि जादुई घड़े के पास उसके हाथ पहुंचते ही रुक जाते थे.
आखिर मे वह थक हारकर घर की ओर चल दी. लेकिन अभी भी उसके मन मे यही चल रहा था की जादुई घड़े को कई छू सकते है और उसके चुने से क्या जादू होता है.
यही सोचते सोचते अब साम हो गई. नामकरी अपने घर पहुंची और खाना खाया और सोने चली गई.
पर अभी भी उसके दिमाग़ मे चल रहा था की घड़े को कैसे छू सकते है. यही सोच रही थी की अचानक उसके मन ने विचार आया की क्यों न उसे अपनी अंगुली से छूने की कोशिस की जाये.
यह विचार आते ही वह संत हो गई और सो गई.
अगले दिन नामकारी जल्दी से विस्तार से उठी और नहाकर जादुई घड़े के पेड़ ती तरफ चल दी.
वहा पहुंचकर जादुई घड़े को छूने के लिए वह धीरे-धीरे अपनी उंगलियों को घड़े की ओर बढ़ाई और फिर उसने उसे छू लिया.
तभी एक चमक सी आई और घड़ा गुलाबी हो गया और नामकरी को एक अजीब सी ऊर्जा का अनुभव हुआ.
वह देखने लगी कि अब उसकी उंगलियों से निकली लालिमा धीरे-धीरे बढ़ रही है और वह जगह, जिसे वह छूती है, उसे अंदर खींच रही है.
नामकरी ने एक बार फिर उंगलियों से गुलाबी घड़े को छूने की कोशिश की और वह देखती है कि घड़ा अब भी वही है, लेकिन उसके पास एक छोटी सी लालिमा है.
वह बहुत खुश हो गई कि उसने जादुई घड़े का रहस्य सुलझा लिया है.
अगले दिन, वह अपने सभी दोस्तों को घड़े के जादू के बारे में बताती है. और सब बच्चे उसे देखने के लिए उत्साहित हो जाते हैं.
सभी बच्चे उस गुलाबी घड़े को देखने के लिए उस पेड़ के पास जाते हैं और वहाँ उनके सामने जादू दिखाती है.
कहानी की सीख
नामकरी ने अपनी जादूगरी की कला सबको सिखाई और वह उस गाँव की हीरोइन बन गई। उसकी यह कहानी गाँव की सबसे प्रसिद्ध कहानी बन गई और सब बच्चे उसकी जादूगरी सीखने के लिए बेकरार हो गए।