प्राचीन जादुई और भूतिया रहस्यमयी कहानियाँ हिंदी मे पढ़े.

प्राचीन जादुई और भूतिया ( rahasyamayi kahaniya)रहस्यमयी कहानियाँ मे आपको कुछ भूतिया कहानियाँ, जादुई कहानियाँ और rahasyamayi kahaniya आपको पढ़ने को मिलेगी, आप लोग इसे जरूर पड़े.

#1 चुड़ैल की हवेली rahasyamayi kahaniya in hindi

बहुत समय पहले, एक छोटे से गाँव में एक पुरानी हवेली थी। इस हवेली के बारे में कहा जाता था कि वहाँ एक चुड़ैल रहती है।

गाँव के लोग उस हवेली के पास जाने से डरते थे, क्योंकि उन्होंने सुना था कि जो भी वहाँ जाता है, वह कभी वापस नहीं आता।

हवेली का रहस्य

एक दिन, गाँव के एक साहसी युवक, जिसका नाम अर्जुन था, ने तय किया कि वह इस रहस्य का पता लगाएगा। उसने अपने दोस्तों से कहा, “मैं उस हवेली में जाऊँगा और देखूँगा कि वहाँ क्या है।” उसके दोस्तों ने उसे मना किया, लेकिन अर्जुन ने उनकी बात नहीं मानी।

हवेली में प्रवेश

रात के समय, अर्जुन ने अपने हाथ में एक मशाल ली और हवेली की ओर चल पड़ा। हवेली के पास पहुँचते ही उसे एक अजीब सी ठंडक महसूस हुई। उसने दरवाजा खोला और अंदर प्रवेश किया। अंदर का दृश्य बहुत ही डरावना था। दीवारों पर पुरानी तस्वीरें थीं और फर्श पर धूल की मोटी परत जमी हुई थी।

चुड़ैल का सामना

अर्जुन ने धीरे-धीरे हवेली के अंदर चलना शुरू किया। अचानक, उसे एक कमरे से किसी के रोने की आवाज सुनाई दी। उसने दरवाजा खोला और देखा कि एक बूढ़ी औरत वहाँ बैठी रो रही थी। अर्जुन ने पूछा, “आप कौन हैं और यहाँ क्यों रो रही हैं?”

बूढ़ी औरत ने कहा, “मैं इस हवेली की मालकिन हूँ। बहुत साल पहले, मुझे एक चुड़ैल ने श्राप दिया था और तब से मैं यहाँ फँसी हुई हूँ।”

श्राप का अंत

अर्जुन ने बूढ़ी औरत से पूछा, “मैं आपकी कैसे मदद कर सकता हूँ?” बूढ़ी औरत ने कहा, “तुम्हें इस हवेली के पीछे वाले बगीचे में जाना होगा और वहाँ एक पुराना पेड़ है। उस पेड़ के नीचे एक जादुई पत्थर है। अगर तुम उस पत्थर को लाकर मुझे दोगे, तो मेरा श्राप समाप्त हो जाएगा।”

साहस और विजय

अर्जुन ने बिना किसी डर के बगीचे की ओर कदम बढ़ाया। उसने पेड़ के नीचे खुदाई की और जादुई पत्थर को ढूंढ निकाला। पत्थर को लेकर वह वापस हवेली में आया और बूढ़ी औरत को दे दिया। जैसे ही बूढ़ी औरत ने पत्थर को छुआ, वह एक सुंदर युवती में बदल गई। उसने अर्जुन को धन्यवाद दिया और कहा, “तुम्हारे साहस ने मुझे इस श्राप से मुक्त कर दिया।”

अंत

अर्जुन ने गाँव लौटकर सबको इस घटना के बारे में बताया। गाँव के लोग बहुत खुश हुए और उन्होंने अर्जुन की बहादुरी की सराहना की। उस दिन के बाद से, हवेली में कभी भी कोई डरावनी घटना नहीं हुई और गाँव के लोग शांति से रहने लगे।

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#2 जादुई तालाब rahasyamayi kahaniya in hindi

बहुत समय पहले, एक छोटे से गाँव में एक तालाब था। इस तालाब के बारे में कहा जाता था कि इसमें जादुई शक्तियाँ हैं। गाँव के लोग इस तालाब का पानी पीते थे और हमेशा स्वस्थ रहते थे। लेकिन इस तालाब का एक रहस्य था, जिसे बहुत कम लोग जानते थे।

तालाब का रहस्य

गाँव के पास एक घना जंगल था, जहाँ एक बूढ़ा साधु रहता था। साधु ने गाँव के लोगों को बताया था कि तालाब की जादुई शक्तियाँ एक विशेष फूल से आती हैं, जो तालाब के बीच में खिलता है। लेकिन उस फूल को पाने के लिए बहुत साहस और धैर्य की आवश्यकता थी।

साहसी युवक

गाँव में एक युवक था, जिसका नाम राजू था। राजू ने साधु की बात सुनी और उसने तय किया कि वह उस फूल को ढूंढेगा। उसने अपने दोस्तों से कहा, “मैं उस जादुई फूल को ढूंढने के लिए तालाब के बीच में जाऊँगा।” उसके दोस्तों ने उसे मना किया, लेकिन राजू ने उनकी बात नहीं मानी।

तालाब की यात्रा

राजू ने एक छोटी नाव बनाई और तालाब के बीच की ओर चल पड़ा। तालाब का पानी बहुत शांत था, लेकिन जैसे-जैसे वह बीच की ओर बढ़ता गया, पानी की लहरें तेज होती गईं। राजू ने धैर्य नहीं खोया और अपनी नाव को संभालते हुए आगे बढ़ता गया।

जादुई फूल

तालाब के बीच में पहुँचते ही, राजू ने देखा कि वहाँ एक सुंदर फूल खिला हुआ था। उसने फूल को तोड़ा और वापस गाँव की ओर चल पड़ा। गाँव पहुँचते ही, उसने फूल को साधु को दिया। साधु ने राजू की बहादुरी की सराहना की और कहा, “तुम्हारे साहस और धैर्य ने इस गाँव को एक नई शक्ति दी है।”

अंत

उस दिन के बाद से, गाँव के लोग और भी स्वस्थ और खुशहाल रहने लगे। राजू की बहादुरी की कहानी पूरे गाँव में फैल गई और वह सबके लिए एक प्रेरणा बन गया।

#3. जादुई पेड़ rahasyamayi kahaniya in hindi

बहुत समय पहले, एक छोटे से गाँव में एक विशाल पेड़ था। इस पेड़ के बारे में कहा जाता था कि यह पेड़ इच्छाएँ पूरी करता है। गाँव के लोग इस पेड़ के पास आकर अपनी इच्छाएँ माँगते थे और उनकी इच्छाएँ पूरी हो जाती थीं। लेकिन इस पेड़ का एक रहस्य था, जिसे बहुत कम लोग जानते थे।

पेड़ का रहस्य

गाँव के पास एक पहाड़ी थी, जहाँ एक बूढ़ा साधु रहता था। साधु ने गाँव के लोगों को बताया था कि पेड़ की जादुई शक्तियाँ एक विशेष फल से आती हैं, जो पेड़ के सबसे ऊँचे शाखा पर लगता है। लेकिन उस फल को पाने के लिए बहुत साहस और धैर्य की आवश्यकता थी।

साहसी बालक

गाँव में एक बालक था, जिसका नाम मोहन था। मोहन ने साधु की बात सुनी और उसने तय किया कि वह उस फल को ढूंढेगा। उसने अपने दोस्तों से कहा, “मैं उस जादुई फल को ढूंढने के लिए पेड़ के सबसे ऊँचे शाखा पर चढ़ूँगा।” उसके दोस्तों ने उसे मना किया, लेकिन मोहन ने उनकी बात नहीं मानी।

पेड़ की चढ़ाई

मोहन ने पेड़ पर चढ़ना शुरू किया। पेड़ बहुत ऊँचा था और चढ़ाई बहुत कठिन थी। लेकिन मोहन ने धैर्य नहीं खोया और धीरे-धीरे ऊपर चढ़ता गया। अंत में, वह सबसे ऊँचे शाखा पर पहुँच गया और वहाँ उसने जादुई फल को देखा। उसने फल को तोड़ा और वापस नीचे उतर आया।

गाँव की खुशी

गाँव पहुँचते ही, मोहन ने फल को साधु को दिया। साधु ने मोहन की बहादुरी की सराहना की और कहा, “तुम्हारे साहस और धैर्य ने इस गाँव को एक नई शक्ति दी है।” उस दिन के बाद से, गाँव के लोग और भी खुशहाल रहने लगे और मोहन की बहादुरी की कहानी पूरे गाँव में फैल गई।

#4. जादुई बगीचा rahasyamayi kahaniya in hindi

बहुत समय पहले, एक छोटे से गाँव में एक बगीचा था। इस बगीचे के बारे में कहा जाता था कि इसमें जादुई फूल और फल उगते हैं। गाँव के लोग इस बगीचे में आकर अपनी समस्याओं का समाधान पाते थे। लेकिन इस बगीचे का एक रहस्य था, जिसे बहुत कम लोग जानते थे।

बगीचे का रहस्य

गाँव के पास एक पहाड़ी थी, जहाँ एक बूढ़ा साधु रहता था। साधु ने गाँव के लोगों को बताया था कि बगीचे की जादुई शक्तियाँ एक विशेष पौधे से आती हैं, जो बगीचे के बीच में उगता है। लेकिन उस पौधे को पाने के लिए बहुत साहस और धैर्य की आवश्यकता थी।

साहसी लड़की

गाँव में एक लड़की थी, जिसका नाम राधा था। राधा ने साधु की बात सुनी और उसने तय किया कि वह उस पौधे को ढूंढेगी। उसने अपने दोस्तों से कहा, “मैं उस जादुई पौधे को ढूंढने के लिए बगीचे के बीच में जाऊँगी।” उसके दोस्तों ने उसे मना किया, लेकिन राधा ने उनकी बात नहीं मानी।

बगीचे की यात्रा

राधा ने बगीचे में प्रवेश किया और धीरे-धीरे बगीचे के बीच की ओर बढ़ने लगी। बगीचे में बहुत सारे फूल और फल थे, लेकिन राधा ने धैर्य नहीं खोया और अपनी यात्रा जारी रखी। अंत में, वह बगीचे के बीच में पहुँच गई और वहाँ उसने जादुई पौधे को देखा। उसने पौधे को तोड़ा और वापस गाँव की ओर चल पड़ी।

गाँव की खुशी

गाँव पहुँचते ही, राधा ने पौधे को साधु को दिया। साधु ने राधा की बहादुरी की सराहना की और कहा, “तुम्हारे साहस और धैर्य ने इस गाँव को एक नई शक्ति दी है।” उस दिन के बाद से, गाँव के लोग और भी खुशहाल रहने लगे और राधा की बहादुरी की कहानी पूरे गाँव में फैल गई।

#5. जादुई नदी rahasymayi kahaniya in hindi

बहुत समय पहले, एक छोटे से गाँव में एक नदी बहती थी। इस नदी के बारे में कहा जाता था कि इसका पानी जादुई है और जो भी इस पानी को पीता है, उसकी सारी बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं। गाँव के लोग इस नदी का पानी पीते थे और हमेशा स्वस्थ रहते थे। लेकिन इस नदी का एक रहस्य था, जिसे बहुत कम लोग जानते थे।

नदी का रहस्य

गाँव के पास एक पहाड़ी थी, जहाँ एक बूढ़ा साधु रहता था। साधु ने गाँव के लोगों को बताया था कि नदी की जादुई शक्तियाँ एक विशेष पत्थर से आती हैं, जो नदी के सबसे गहरे हिस्से में है। लेकिन उस पत्थर को पाने के लिए बहुत साहस और धैर्य की आवश्यकता थी।

साहसी युवक

गाँव में एक युवक था, जिसका नाम वीर था। वीर ने साधु की बात सुनी और उसने तय किया कि वह उस पत्थर को ढूंढेगा। उसने अपने दोस्तों से कहा, “मैं उस जादुई पत्थर को ढूंढने के लिए नदी के सबसे गहरे हिस्से में जाऊँगा।” उसके दोस्तों ने उसे मना किया, लेकिन वीर ने उनकी बात नहीं मानी।

नदी की यात्रा

वीर ने एक छोटी नाव बनाई और नदी के सबसे गहरे हिस्से की ओर चल पड़ा। नदी का पानी बहुत शांत था, लेकिन जैसे-जैसे वह गहरे हिस्से की ओर बढ़ता गया, पानी की लहरें तेज होती गईं। वीर ने धैर्य नहीं खोया और अपनी नाव को संभालते हुए आगे बढ़ता गया।

जादुई पत्थर

नदी के सबसे गहरे हिस्से में पहुँचते ही, वीर ने देखा कि वहाँ एक चमकता हुआ पत्थर था। उसने पत्थर को उठाया और वापस गाँव की ओर चल पड़ा। गाँव पहुँचते ही, उसने पत्थर को साधु को दिया। साधु ने वीर की बहादुरी की सराहना की और कहा, “तुम्हारे साहस और धैर्य ने इस गाँव को एक नई शक्ति दी है।”

अंत

उस दिन के बाद से, गाँव के लोग और भी स्वस्थ और खुशहाल रहने लगे। वीर की बहादुरी की कहानी पूरे गाँव में फैल गई और वह सबके लिए एक प्रेरणा बन गया।

#6. जादुई पक्षी rahasyamayi kahaniya in hindi

बहुत समय पहले, एक छोटे से गाँव में एक जादुई पक्षी रहता था। इस पक्षी के बारे में कहा जाता था कि यह पक्षी लोगों की इच्छाएँ पूरी कर सकता है। गाँव के लोग इस पक्षी के पास आकर अपनी इच्छाएँ माँगते थे और उनकी इच्छाएँ पूरी हो जाती थीं। लेकिन इस पक्षी का एक रहस्य था, जिसे बहुत कम लोग जानते थे।

पक्षी का रहस्य

गाँव के पास एक पहाड़ी थी, जहाँ एक बूढ़ा साधु रहता था। साधु ने गाँव के लोगों को बताया था कि पक्षी की जादुई शक्तियाँ एक विशेष पेड़ से आती हैं, जो पहाड़ी के सबसे ऊँचे हिस्से में है। लेकिन उस पेड़ को पाने के लिए बहुत साहस और धैर्य की आवश्यकता थी।

साहसी बालक

गाँव में एक बालक था, जिसका नाम अर्जुन था। अर्जुन ने साधु की बात सुनी और उसने तय किया कि वह उस पेड़ को ढूंढेगा। उसने अपने दोस्तों से कहा, “मैं उस जादुई पेड़ को ढूंढने के लिए पहाड़ी के सबसे ऊँचे हिस्से पर जाऊँगा।” उसके दोस्तों ने उसे मना किया, लेकिन अर्जुन ने उनकी बात नहीं मानी।

पहाड़ी की चढ़ाई

अर्जुन ने पहाड़ी पर चढ़ना शुरू किया। पहाड़ी बहुत ऊँची थी और चढ़ाई बहुत कठिन थी। लेकिन अर्जुन ने धैर्य नहीं खोया और धीरे-धीरे ऊपर चढ़ता गया। अंत में, वह पहाड़ी के सबसे ऊँचे हिस्से पर पहुँच गया और वहाँ उसने जादुई पेड़ को देखा। उसने पेड़ से एक फल तोड़ा और वापस गाँव की ओर चल पड़ा।

गाँव की खुशी

गाँव पहुँचते ही, अर्जुन ने फल को साधु को दिया। साधु ने अर्जुन की बहादुरी की सराहना की और कहा, “तुम्हारे साहस और धैर्य ने इस गाँव को एक नई शक्ति दी है।” उस दिन के बाद से, गाँव के लोग और भी खुशहाल रहने लगे और अर्जुन की बहादुरी की कहानी पूरे गाँव में फैल गई।

Rahasyamayi kahaniya समाप्त

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