Reward of truth | सच्चाई का पुरस्कार | हिंदी छोटी कहानियाँ | बच्चों की कहानी | शार्ट स्टोरी हिंदी | Kids story
सच्चाई का पुरस्कार की कहानी – Reward of truth small short story in hindi
एक बड़े से राजा के राज्य मे एक चिता सा गाँव था. उस गांव में रामू नाम का एक गरीब लड़का रहता था. रामू बचपन से बहुत ही ईमानदार और मेहनती था.
रामु किसी दूसरे का सामान पर अपनी नियत खराब नहीं नहीं करता था. चाहे बात कितनी भी क़ीमती वस्तु क्यों न हो. रामु केवल अपने मेहनत और ईमानदारी के बल पर कमाकर खाने वाले मे से था.
क्योंकि उसके माता-पिता ने उसे हमेशा यही सिखाया था कि सच्चाई और ईमानदारी से बढ़कर दुनिया मे कुछ नहीं होता. रामू हर दिन खेतों में काम किया करता और साथ ही अपनी माँ की मदद करता था.
ऐसे ही उसका समय काफ़ी अच्छे से व्यतीत हो रहा था.
एक दिन रामू जब अपना काम ख़त्म करके अपनी घर की ओर लौट रहा था जब उसे रास्ते में गिरा एक बटुआ मिला. बटुआ खोलकर देखा तो उसमें बहुत सारे पैसे और कुछ बेहद महत्वपूर्ण कागजात थे.
रामू ने तुरंत सोचा, “यह बटुआ किसी का यहाँ खो गया होगा. मुझे इसे उसके मालिक तक सही सलामत पहुँचाना चाहिए.
रामू ने गाँव के सभी लोगों से एक एक कर पूछना शुरू किया, लेकिन किसी ने बटुए के बारे में नहीं सुना था. वह निराश हो रहा था, लेकिन उसने अभी भी हार नहीं मानी.
वह गाँव के सरपंच के पास गया और उनसे मदद मांगी. सरपंच ने बटुए को देखा और उसमें रखे कागजातों को पहचानने की कोशिश की.
उन्होंने कहा, “रामू, इस बटुए के मालिक का पता इन कागजातों से लगाया जा सकता है. हम कोशिश करेंगे और उसे खोज निकालेंगे.
कुछ दिनों के बाद, सरपंच को बटुए के असली मालिक का पता चला. वह एक धनी व्यापारी था जो गाँव के पास के शहर में रहता था.
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सरपंच ने रामू को उसके साथ शहर चलने के लिए कहा. वे दोनों शहर गए और व्यापारी के घर पर पहुंचे. व्यापारी ने अपने बटुए को देखकर बहुत ज्यादा खुश हुआ और कहा, “यह बटुआ मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इसमें न केवल पैसे हैं,
बल्कि कुछ बेहद महत्वपूर्ण कागजात भी हैं जिनकी मुझे सख्त जरूरत थी.
रामू ने मुस्कराते हुए कहा, “यह बटुआ मुझे रास्ते में मिला था और मैंने सोचा कि इसे उसके असली मालिक को लौटा दूँ.
व्यापारी रामू की ईमानदारी से बहुत प्रभावित हुआ. उसने रामू से कहा, “तुम्हारी सच्चाई और ईमानदारी ने मुझे बहुत प्रभावित किया है.
मैं तुम्हें इनाम देना चाहता हूँ. व्यापारी ने रामू को एक थैली में बहुत सारे पैसे और कुछ अच्छे नए कपड़े दिए. उसने रामू से वादा भी किया कि वह उसकी और उसके परिवार की हमेशा मदद करेगा.
रामू ने व्यापारी को धन्यवाद दिया और सरपंच के साथ गाँव लौट आया. गाँव के सभी लोगों ने रामू की तारीफ की और उसकी ईमानदारी की प्रशंसा की.
रामू के माता-पिता भी अपने बेटे पर बहुत गर्व महसूस कर रहे थे.
इस घटना के बाद, रामू और भी मेहनत और ईमानदारी से काम करने लगा. उसकी ईमानदारी और सच्चाई की कहानी दूर-दूर तक फैल गई।
लोग उसे एक उदाहरण मानकर उसकी तरह ईमानदारी से जीवन जीने की कोशिश करने लगे.
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि सच्चाई और ईमानदारी हमेशा पुरस्कृत होती है। हमें जीवन में सच्चाई के रास्ते पर चलना चाहिए और दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। ईमानदारी का फल हमेशा मीठा होता है।