Two Short Story In Hindi – दो छोटी लघु कहानी हिंदी मे.

Two Short Story In Hindi – दो छोटी लघु कहानी हिंदी मे.

#1. सच्ची दोस्ती – Two Short Story In Hindi

Two Short Story In Hindi - दो छोटी लघु कहानी हिंदी मे.
Two Short Story In Hindi – दो छोटी लघु कहानी हिंदी मे.

एक गांव में दो दोस्त, रामू और श्यामू, रहते थे। वे हमेशा साथ खेलते और एक-दूसरे का साथ देते थे। एक दिन, गांव के पास एक बड़ा तालाब सूख गया। लोग पानी की तलाश में परेशान थे।

रामू ने सोचा, “अगर हम तालाब में खुदाई करें, तो शायद पानी मिल जाए।” श्यामू ने तुरंत सहमति दी। दोनों ने मिलकर काम करना शुरू किया। कई दिनों तक मेहनत करने के बाद, उन्हें तालाब के गहरे हिस्से में पानी मिला।

गांव वालों ने देखा कि रामू और श्यामू ने न केवल अपनी दोस्ती को मजबूत किया, बल्कि पूरे गांव की मदद भी की। सबने मिलकर उस पानी का उपयोग किया और गांव की खुशहाली लौट आई।

इस घटना ने रामू और श्यामू की दोस्ती को और गहरा बना दिया। उन्होंने समझा कि सच्ची दोस्ती का मतलब एक-दूसरे का साथ देना और कठिनाइयों में एकजुट रहना है।

सीख: सच्ची दोस्ती में एक-दूसरे का साथ देना सबसे महत्वपूर्ण होता है।

#2. सपनों की उड़ान – Two Short Story In Hindi

Two Short Story In Hindi - दो छोटी लघु कहानी हिंदी मे.

एक छोटे से गांव में मोहन नाम का एक लड़का रहता था। मोहन को उड़ान भरने का बहुत शौक था। वह हमेशा आसमान में उड़ते हुए पक्षियों को देखता और सोचता कि काश वह भी उड़ पाता।

एक दिन, मोहन ने सोचा कि उसे कुछ करना होगा। उसने अपने दोस्तों से कहा, “मैं एक पैराग्लाइडर बनाऊंगा!” सभी ने उसकी बात का मजाक उड़ाया, लेकिन मोहन ने हार नहीं मानी। उसने पुरानी चादरें, बांस और रस्सियाँ इकट्ठी कीं और दिन-रात मेहनत की।

कुछ दिनों बाद, उसका पैराग्लाइडर तैयार हो गया। मोहन ने उत्साह से उसे पहना और गांव के एक ऊंचे टीले पर गया। उसने एक गहरी सांस ली और चिल्लाया, “यह मेरा सपना है!”

जैसे ही वह कूद पड़ा, वह हवा में उड़ने लगा। उसका दिल खुशी से झूम उठा। गांव वाले उसकी उड़ान देख रहे थे और आश्चर्यचकित थे। मोहन ने समझ लिया कि सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत और विश्वास जरूरी है।

उस दिन मोहन ने उड़ान भरकर साबित कर दिया कि सपने सच होते हैं, अगर हम उनके लिए प्रयास करें।

सीख: अपने सपनों का पीछा करने से कभी न डरें। मेहनत और विश्वास से सब कुछ संभव है।

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#3. निष्ठा का फल -Two Short Story In Hindi

गांव में एक बुद्धिमान वृद्धा, दादी जी, रहती थीं। उनका एक नन्हा पोता, टीटू, था। टीटू हमेशा लापरवाह रहता था और पढ़ाई में ध्यान नहीं देता था। दादी जी ने उसे समझाया, “पुत्र, ज्ञान ही सबसे बड़ा धन है।”

एक दिन दादी जी ने उसे एक कहानी सुनाई। उन्होंने कहा, “एक बार एक राजा ने अपने राज्य के सभी बच्चों को एक परीक्षा दी। जिसने सही उत्तर दिया, उसे बड़ा पुरस्कार मिलेगा।” टीटू ने सोचा कि यह तो बहुत आसान है और उसने तैयारी नहीं की।

जब परीक्षा का दिन आया, टीटू देखता है कि बाकी बच्चे बहुत गंभीर हैं। जब प्रश्न पूछे गए, टीटू को कोई उत्तर नहीं आता। उसके दोस्तों ने अच्छे अंक प्राप्त किए, लेकिन टीटू फेल हो गया।

दादी जी ने कहा, “देखो बेटा, मेहनत और निष्ठा से ही सफलता मिलती है।” टीटू ने अपनी गलती समझी और पढ़ाई में ध्यान देने का निश्चय किया।

कुछ समय बाद, टीटू ने मेहनत की और अगली परीक्षा में पहले स्थान पर आया। उसकी दादी जी ने गर्व से कहा, “अब तुमने सच्ची निष्ठा का फल पाया है।”

सीख: मेहनत और निष्ठा से ही सफलता प्राप्त होती है।

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